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गुर्जर आन्दोलन : आन्दोलन का नया युग

हाल ही मे हुए गुर्जर आन्दोलन ने सफल आन्दोलन करने की एक नयी तकनीक इजात की है .हमारा देश आंदोलनों का देश है। यहाँ हर तरह के आन्दोलन होते थे , है और रहेंगे। आन्दोलन का इतिहास गाँधी जी से पहले भी आन्दोलन होते थे । इतिहास उन्हें क्रांति कहता था जैसे रूस की क्रांति , अमेरिका की क्रांति इत्यादि .लेकिन इनका स्वरुप हिंसक था । गान्धी जी को अहिंसक क्रांति का जनक कहा जा सकता है. तब से लेकर अब तक भारत मे कई आन्दोलन हुए है। आन्दोलनों का स्वरुप आमरण अनशन , मौन जुलुस , ज्ञापन देना ,प्रदर्शन ,पुतला फुकना आदि आदि । ये सभी अब मूलतः आन्दोलनों का हिस्सा बन चुकी है। गाँधी जी के समय आम आदमी आंदोलनों का हिस्सा हुआ करता था , लेकिन आज के आंदोलनों से आम आदमी गायब है । अनदेखी के शिकार आज आन्दोलन चलाने के लिए किसी राजनीतिक पार्टी का साथ होना बहुत आवश्यक है.या यूँ कहे आन्दोलन का आन्दोलन तरीका आज गुर्जर बिना असफल फिर से। सुर्खियों मई अहि हुआ reservation हटाओ तरीका तरीका आज गुर्जर आन्दोलन फिर से सुर्खियों .तरीका अह तरीका छात्रों का पूर्ण समर्थन था लेकिन ये किसी बड़ी पार्टी के समर्थन बिना फुस्स साबित हुआ।

सुदर्शन का बयान कांग्रेस के लिए जीवनदान

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आज का समाचार बाजार गर्म है । सुदर्शन का बयान जो सोनिया गाँधी पर उनकी राय है, एक ऐसे समय पर आया है जब कांग्रेस एक गंभीर संकट मे थी. उस पर लोकसभा ओर मीडिया मे चौतरफा हमला हो रहा था । उसी कांग्रेस को इस बयान ने जीवन दान दे दिया है कौन सुदर्शन गौरतलब है की सुदर्शन जी राष्ट्रीय स्वयम सेवक सघ के पूर्व संचालक है . ये अक्सर कई गैर जरूरी बाते करते रहते है. पहेले भी कई दफा इन्होने ऐसी बाते कही है , लेकिन कांग्रेस इन्हें खास तवज्जो नहीं देती है. इन्होने ये बयान भी किसी सरकार विरोधी सम्मलेन मे दिया है। सोनिया जी की जय आज कांग्रेस की सफलता का राज सोनिया गाँधी है , आम कार्यकर्त्ता से लेकर प्रधानमंत्री तक सब मैडम जी को सलाम ठोकते है। इसलिए ऐसे किसी बयान पर कांग्रेस जन का भड़काना लाजमी है। कांग्रेस को क्या मिला कांग्रेस ने इस बयान से कई निशाने साधे है। एक तो संघ का मुह बंद किया है और साथ मे बीजेपी को भी चुप रहने के लिया मजबूर किया है। साथ ही उसने मूल मुद्दे भ्रष्टाचार को गौण कर दिया है. कुछ सीखो बीजेपी कांग्रेस का मुद्दों को घूमना , मीडिया जगत पर पकड़ वाकई काबिले तारीफ है । बीजेपी की स

दीपावली पर विष्णु संग लक्ष्मी

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दीपावली का त्यौहार राम के वनवास से लौटने का त्यौहार है। दिपावली के दिन राम राज्य की स्थापना हुई।दिपावली पर लक्ष्मी पूजा भी करी जाती है।कोई राम जी को याद नहीं करता.रामायण मे सीता जी लक्ष्मी जी का ही स्वरुप है। सीता राम का राज्य ही राम राज्य है. रामराज्य के लिए सीता संग राम होना अनिवार्य है . लक्ष्मी धन की देवी है ,लेकिन वे विष्णु बिना न केवल अधूरी है वरन उनका ध्यान भी अपूर्ण है।लक्ष्मी विष्णु की पत्नी है ,और विष्णु जी के साथ ही रहती है. विष्णु जी संसार का पालन करते है.क्षीर सागर मे लक्ष्मी विष्णु संग विराजमान है । जहाँ विष्णु है वही श्री है । आज के दिन विष्णु जी को भूला दिया गया है,क्योंकि ये युग धन प्रधान है.जीवन मे लक्ष्य का अभाव है ,धन संग्रह ही लक्ष्य बन गया है। जीवां के चार अंग धर्म अर्थ काम मोक्ष मे हम केवल अर्थ ओर काम को जीना चाहते है। वेदों के अनुसार विष्णु अक्षर पुरुष है ,लक्ष्मी इनकी शक्ति है .अतः लक्ष्मी सदैव विष्णु के साथ है. लक्ष्मी के साथ विष्णु श्रेष्ठ है ,ओर विष्णु की पूजा से लक्ष्मी का आगमन स्वयं हो जाता है। लक्ष्मीनारायण का ध्यान कर मै आप सब को दीपावली की शुभक

भ्रष्ठ = सत्ता

भ्रष्टाचार का मुद्दा हारे देश के लिए कोई नया नहीं है .लेकिन क्योकि सत्ताधारी पार्टी की जो आजकल जो बैठक चल रही है ,उस मे यह उठना लाजमी है ,लेकिन आश्चर्यजनक रूप से किसी ने कुछ नहीं कहा।पार्टी अध्यक्ष बोली सबका नम्बर आएगा ,मतलब प्रधानमंत्री तो राहुल बनेगा ,लेकिन भ्रष्टचार का मौका सबको मिलेगा.सत्ताधारी पार्टी का ऐसा अधिवेशन होना शर्मनाक है कोई भी पार्टी पाक साफ़ नहीं है.कर्णाटक इस का ताजा उदहारण है । अगर आप के पास सत्ता है तो ये आप को भ्रष्ठ बना देगी । फिर भी हम उम्मीद लगाये बैठे है शायद बदलाव आये.