भगवान के कान कहाँ है !!
आज सुबह जब "त्रस्त होकर"उठा तोह मन मैं एक विचार आया की आखिर भगवान के कान कहाँ है? यह प्रश्न न केवल महत्वपूर्ण है बल्कि विचारनीय है क्योंकि हम कभी न कभी लाउड स्पीकरों से परेशान रहे है। अब वो चाहे हो :- सुबह की अजान दिन की पूजा शाम की आरती या रात मे जगराता (और भी ............) सब मैं एक समानता है==>आसमान की और मुह किए लाउड स्पीकर ! किस को सुना रहे हो भाई! भगवान को ; "क्या भगवान के कान आसमान में है!! " अरे भाई भगवान तोह दिल में बसते है,भगवान तोह हर एक में है ! उन में भी जो एन लाउड स्पीकरों से परेशान हो रहे है । लेकिन क्यो बोले क्योंकि हम भी तोः कल की पूजा में ऐसा करने वाले है! !!बसंत पंचमी की बधाई !! जय माँ सरस्वती