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Showing posts from 2009

लौट के बुद्धू ब्लॉग्गिंग पर आए

हमारे होस्टल के भइया बोले आजकल ऑरकुट का बड़ा जोर है।काफी दिनों से हम ओर्कुटिया रहे है.क्यो नया तुम भी जुड़ जाओ.दोस्तों ने भी हाँ मैं हाँ मिलते हुए काहा जुड़ जाओ.जो मजा ऑरकुट मैं है वो ब्लॉग्गिंग मैं कहाँ!! हमने सोचा जुड़ने मई क्या बुराई है ,वैसे भी बदलाव तोह प्रकृति का नियम है। जुड़ गए ऑरकुट मैं हमने भी लिखा अपने बारे मैं और फ़िर दोस्त बनाये और शुरू हुआ स्क्रेप्पिंग का दौर.सब इधर का माल इधर करते है ,कोई अपने मन से अभियक्त नही करता.लगा कि मौलिकता का जमाना ही ख़तम हो गया. बड़ा बकवास है जी यह तो "कॉपी पेस्ट " कि राजनीती है। हद तोह तब हो गई जब हमने कई प्रोफाइल के अन्दर अपने और साथी ब्लोग्गरों कि लिखी रचनाए देखि। इसलिए भइया हम कहते है ब्लॉग्गिंग बेस्ट है।क्योकि सब यही से निकलता है.टिपण्णी लिखते लिखते दोस्त बन जाते है. अनजान लोगो के मौलिक विचारो को जान लेते है। तो कभी हास्य रस या श्रृंगार वीर आदि रसो का आनद लेते है। तोह फ़िर हम को ऑरकुट कि क्या जरूरत ऑरकुट को हमारी है.

गूगल की हिन्दी सज्जेस्ट सेवा

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गूगल की भारतीय लैब ने कई नई सेवाओ पर काम शुरू किया है. गूगल लैब का लिंक ==> गूगल की भारतीय लैब इन्ही सेवाओ में हिन्दी "suggest" सेवा काफी रोचक लगी है। गूगल की हिन्दी सज्जेस्ट सेवा आपकी "सर्च " को हिन्दी में बदलती है साथ ही सलाह भी देती है। इस सेवा का लिंक==> गूगल की हिन्दी सज्जेस्ट सेवा यह सेवा इसलिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके परिणामो (सर्च results) में भी आप हिन्दी पाएंगे । यह बात ध्यान देने योग्य है की , इसके परिणाम रोमन भाषा में लिखी हिन्दी के परिणामो से भिन्न है । यह हम जैसे हिन्दी प्रेमियों के लिए वरदान है।इसकी सहायता से हिन्दी सामग्री (समाचार ,ब्लॉग ) आसानी से खोजे जा सकते है। तो अब गूगल के साथ हिन्दी सर्च भी हो जाए!!

आपकी गर्लफ्रेंड क्यो नही है ??

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हम भोले भाले भले चंगे नौजवान है. औरों की तरह हमारा गुजरा भी दोस्तों की संगती मे होता है। रोज मीटिंग " इंडिया गेट "(जयपुर) की चाये की थडी पर होती है .!!! व्यर्थ की चर्चाये , भविष्य की "planning" , गाना बजाना , तर्क - वितर्क या हँसी मज़ाक करते करते शाम बीत जाती है ; और जब से सतीश जी का कैमरे वाला मोबाइल आया है फोटो शूट भी हो जाती है । (फोटो:pushpendra paliwal(सतीश sir के कैमरे से मेरी तस्वीर) ) (फोटो:- सतीश भइया camare के sath )!!! (फोटो:-चाये की थडी से; पीछे बाए से :sujit ,pushpendra(me) ,saurav, ankit, amit,anmole आगे बाए से :vijay,anup,gaurav,pradeep) !! लेकिन आजकल हमे संगत मे दोस्त् कम नजर आ रहे है . इसी परिपेक्ष मे हमारी ब्रजेश जी से चर्चा चल रही थी। हम बोले " हे प्रभु ! आजकल हमारे प्रिय मित्रो को क्या हो गया है ? वो मीटिंग मे नही आ रहे है ? क्या वो सुधर गए है ? क्या उनका लुक्कागिरी से विश्वास उठ गया है ? क्या वोः अब आदर्श छात्रों सा जीवन व्यतीत कर रहे है ?&quo

भगवान के कान कहाँ है !!

आज सुबह जब "त्रस्त होकर"उठा तोह मन मैं एक विचार आया की आखिर भगवान के कान कहाँ है? यह प्रश्न न केवल महत्वपूर्ण है बल्कि विचारनीय है क्योंकि हम कभी न कभी लाउड स्पीकरों से परेशान रहे है। अब वो चाहे हो :- सुबह की अजान दिन की पूजा शाम की आरती या रात मे जगराता (और भी ............) सब मैं एक समानता है==>आसमान की और मुह किए लाउड स्पीकर ! किस को सुना रहे हो भाई! भगवान को ; "क्या भगवान के कान आसमान में है!! " अरे भाई भगवान तोह दिल में बसते है,भगवान तोह हर एक में है ! उन में भी जो एन लाउड स्पीकरों से परेशान हो रहे है । लेकिन क्यो बोले क्योंकि हम भी तोः कल की पूजा में ऐसा करने वाले है! !!बसंत पंचमी की बधाई !! जय माँ सरस्वती

न्यूज़ चैनल खतरा ऐ जान

क्या आपका कोई दुश्मन है? कोई आपको परेशान कर रहा है? ज्यादा घबराए नही आप केवल भाईसाहब को न्यूज़ चैनल के सामने बैठा दीजिये .बाकि काम अपने आप हो जाएगा। अगले दिन से वो किसी चिंतामग्न नजर आएंगे । देखिया इस बीमारी ने क्या क्या गुल खिलाये है........ *मध्यप्रदेश की लड़की ने केवल इस लिए आत्महत्या की क्योंकि खबरिया चैनल ने उसे विश्वास दिला दिया था की महाप्रलय आने वाला है। *खबरिया की करतूत ने "ग्रेग चैपल" साहब की वाट लगा दी अजी साहब तो देर किस बात की नुस्का दिया है तोह आजमाऐ लेकिन ध्यान रहे खबरिया से बच के हम चले न्यूज़ देखने!!!

नया शब्द : कचकचाना

आज हम को नया शब्द मिला कचकचाना। शाब्दिक अर्थ शायद अभी तक गढा नहीं गया है; चलिए कचकचाने की कोशिश करते है। इस शब्द के कई मतलब हो सकते है ,मसलन १) बकवास करना अजी कचकचाईऐ मत अपना काम कीजिए। २)कोई विशेष काम आज तो कच कचाने का मन क़र रहा है। ३) :संबोधन ऐ कचकच! इधर आ। ४)गुप्त भाषा(प्राय छात्रों में लोकप्रिय ) कच कचाने चल रहे हो क्या? ५)मुसीबत तुम मेरी बात नहीं माने तो कचकचाहट हो जायेगी। ६)समय व्यतीत करना हम इन्टरनेट पर कचकचाते है। इस शब्द के असीमित मतलब है। चलिए अब आप भी कचकचाना चालू कीजिये . हम चलते है.